लगातार क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार ?

लगातार क्यों गिर रहा है  भारतीय शेयर बाजार ?

डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका के सभी व्यापार साझेदारों पर टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट आई है. इस घोषणा से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है, चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे कई देश पहले से ही जवाबी कदम उठाने की योजना बना रहे हैं.

एशियाई शेयर बाजारों (Asia's Stock Markets) में एक बार फिर भूचाल सा नजर आ रहा है जापान से लेकर हांगकांग तक के बाजार बुधवार को फिर से रेड जोन में कारोबार करते नज़र आ रहे है.

एशियाई बाजारों में आई गिरावट का असर बुधवार को भारतीय शेयर मार्केट (Share Market) पर भी देखने को मिला. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स अपने पिछले बंद 74,227.08 के मुकाबले गिरकर 74,103 पर ओपन हुआ और कुछ ही मिनटों में ये 440 अंक से ज्यादा फिसलकर 73,700 के लेवल पर पहुंच गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी जोरदार गिरावट आई और NSE Nifty अपने पिछले बंद 22,535.85 के लेवल से फिसलकर 22,460.30 पर खुला और कुछ ही देर में ये भी सेंसेक्स के कदम से कदम मिलाकर चलते हुए 22,357 तक फिसल गया.

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर (Tariff War) यानी व्यापार युद्ध वाकई रुकने का नाम नहीं ले रहा है, और इसका असर सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया, खासकर एशियाई देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं (जैसे भारत) पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
यहाँ विस्तार से समझते हैं कि क्या हो रहा है और क्यों ये ट्रेड वॉर थम नहीं रहा:
क्या है टैरिफ वॉर?
टैरिफ वॉर तब होता है जब दो देश एक-दूसरे के सामान पर भारी आयात शुल्क (import duties) लगाते हैं। इसका मकसद अपने देश की कंपनियों और व्यापार को बचाना होता है — लेकिन इसका असर अक्सर नकारात्मक होता है।
अमेरिका: कहता है कि चीन “अनुचित व्यापार” करता है — जैसे तकनीकी चोरी, सब्सिडी और अमेरिकी कंपनियों के लिए कठिन नियम।
चीन: जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाता है।
टैरिफ वॉर क्यों नहीं रुक रहा?
1. राजनीतिक और रणनीतिक टकराव
• अमेरिका और चीन के बीच अब सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रतिस्पर्धा है — टेक्नोलॉजी, AI, चिप्स, रक्षा आदि में।
• अमेरिका नहीं चाहता कि चीन टेक्नोलॉजी में वर्ल्ड लीडर बने।
2. घरेलू राजनीति का दबाव (Election Factor)
• अमेरिका में ट्रंप फिर से सक्रिय हैं और “China Hawk” छवि बनाए रखना चाहते हैं।
• बाइडन प्रशासन भी चीन के प्रति सख्त रुख दिखा कर घरेलू वोटर्स को संतुष्ट करना चाहता है।
3. टेक्नोलॉजी और डेटा वॉर
• अमेरिका चाहता है कि चीन अमेरिकी कंपनियों के डेटा और टेक्नोलॉजी तक पहुंच न पाए।
• इसी वजह से TikTok जैसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं।

इसका असर किस पर पड़ रहा है?
1. वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित
• इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स, मोबाइल्स, चिप्स — सबकी सप्लाई पर असर पड़ रहा है।
2. एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट
• निवेशक डरते हैं कि अगर ये वॉर बढ़ा, तो पूरी दुनिया में मंदी आ सकती है।
3. भारत जैसे देशों के लिए अवसर और खतरा दोनों
• अवसर: कंपनियाँ चीन से हटकर भारत जैसे देशों में फैक्ट्रियाँ लगाने को तैयार हैं (China+1 strategy)।
• खतरा: अगर ग्लोबल ग्रोथ धीमी हुई, तो भारत की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा।
क्या कोई समाधान है?
• डिप्लोमैटिक बातचीत: अमेरिका और चीन के बीच शांतिपूर्ण और व्यावसायिक वार्ता।
• WTO जैसे प्लेटफॉर्म्स पर निष्पक्ष नियमों का पालन।
• अन्य देश (जैसे भारत, यूरोपीय संघ) बैलेंसिंग रोल निभा सकते हैं।